शेयर बाजार में 30 लाख करोड़ का घोटाला
देश के 70 सालों के इतिहास में पहली बार प्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री ने शेयर मार्केट में निवेश करने का सुझाव दिया जिस समय प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के द्वारा यह सुझाव दिया जा रहा था उस समय देश की जनता को इसके पीछे की कहानी नहीं पता थी । 13 मई को गृहमंत्री अमित शाह के द्वारा टीवी चैनल पर शेयर मार्केट के निवेशकों को यह कहते हुए शेयर खरीदने का सुझाव दिया गया की 4 जून को शेयर बाजार में बढ़त होगी तथा निवेशकों को फायदा होगा । यही बयान 19 मई को अदानी के चैनल एनडीटीवी पर प्रधानमंत्री के द्वारा दिया जाता है ।
वोटिंग के दौरान देश के प्रधानमंत्री तथा देश के गृहमंत्री के द्वारा शेयर बाजार में निवेशकों के द्वारा शेयर खरीदे जाने का सुझाव किस लिए दिया गया, इसके पीछे की योजना क्या थी आइए इसे सिलसिलेवार तरीके से समझते हैं । क्या थी इसके पीछे की योजना, यह बयान क्यों दिया गया और इस बयान से शेयर बाजार पर क्या असर पड़ा किसे फायदा हुआ और किसे नुकसान हुआ ?
13 मई को एक टीवी चैनल पर इंटरव्यू देते हुए अमित शाह ने शेयर बाजार के निवेशकों को यह कहते हुए शेयर खरीदने का सुझाव दिया की 4 जून को बीजेपी 400 सीटों के आंकड़ों के साथ सरकार बना रही है यदि आप इस समय शेयर खरीदतें हैं तो 4 जून को सरकार बनने के साथ शेयर बाजार में बढ़त होगी और निवेशकों को फायदा होगा ।
19 मई को अदानी के चैनल एनडीटीवी पर अमित शाह के इसी बयान को प्रधानमंत्री के द्वारा दोहराया जाता है प्रधानमंत्री के द्वारा 400 पार का नारा बहुत पहले ही दिया जा चुका था जनता के दिमाग में मीडिया के द्वारा यह आंकड़ा फिट किया जा चुका था ।
1 जून अर्थात शनिवार को शेयर बाजार बंद था इसी दौरान शाम 5:00 बजे एग्जिट पोल प्रसारित किया जाता है जिसमें बीजेपी को 400 सीटें मिलने की पुष्टि की जाती है गोदी मीडिया और सरकारी एग्जिट पोल देश की जनता के दिमाग में मनोवैज्ञानिक तरीके से यह फिट कर दिया की 4 जून को जो सरकार बन रही है उसमें बीजेपी अपने बल पर पूर्ण बहुमत ही नहीं बल्कि 400 से अधिक सीटें लेकर आ रही है सभी सर्वे कंपनियों ने बीजेपी को 400 से अधिक सीटें अपने सर्वे में दी ।
2 जून अर्थात रविवार को बाजार बंद रहा तथा 3 जून को जैसे ही बाजार खुला शेयर बाजार में अविश्वसनीय उछाल देखने को मिला अदानी के शेयर आसमान छू रहे थे अदानी और मोदी के संबंध किस प्रकार प्रगाढ़ है कि अडानी के शेयर ऊपर उठने का निवेशकों ने सीधा मतलब निकाल की जो एग्जिट पोल 1 जून को दिखाया गया है वह सही है और बीजेपी 400 सीटों के साथ सरकार में वापस आ रही है और शेयर बाजार के निवेशकों ने यथाशक्ति निवेश किया ।
4 जून को मतगणना प्रारंभ हुआ जैसे-जैसे मतगणना होती गई समय बढ़ता गया वैसे-वैसे स्थिति साफ होने लगी और देश की जनता को यह नजर आने लगा कि बीजेपी तो 250 सीटें भी लेकर नहीं आ पा रही है, और बाजार तेजी से नीचे गिरता गया । देर साम तक स्थिति बिल्कुल साफ हो चुका था कि देश की जनता ने बीजेपी को सिरे से नकार दिया है बीजेपी को कुल 240 सीटें मिलीं और NDA गठबंधन को 293 सीटें मिलीं अर्थात स्पष्ट था कि भाजपा सिर्फ अपने बल पर सरकार नहीं बना पा रही है, भाजपा बहुमत के आंकड़े से बहुत दूर है । बाजार बंद होते होते यह सब खेल हो चुका था और देश के 5 करोड़ निवेशकों का 30 लाख करोड़ का नुकसान हो चुका था ।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के द्वारा यह योजना बहुत पहले तैयार कर लिया गया था और एक प्लानिंग के तहत 30 लाख करोड़ का यह घोटाला किया गया । गुजरात लॉबी की इस प्लानिंग में वे सभी चैनल बराबर के जिम्मेदार है जिन्होंने गलत एग्जिट पोल दिखाकर देश को गुमराह किया । वे सभी सर्वे एजेंसियां जिम्मेदार हैं जिन्होंने 400 पार वाले एग्जिट पोल को सरकारी आदेश पर तैयार किया । Axis My India के प्रदीप गुप्ता और आजतक चैनल के वह तमाम एंकर इस घोटाले के जिम्मेदार है जिन्होंने 1 जून को प्रदीप गुप्ता को अपने चैनल पर बुलाकर और इस फर्जी एग्जिट पोल को एजेक्ट पोल बात कर देश की जनता और निवेशकों को गुमराह किया ।
5 जून तक देश की जनता को यह समझ में आ चुका था कि उनके साथ कितना बड़ा धोखा हुआ है एग्जिट पोल के नाम पर, जिसके बाद प्रदीप गुप्ता इसी आजतक चैनल पर अपनी गलती का एहसास करते हुए कैमरे के सामने रोते हुए नजर आए जिसे आप इस वीडियो में देख सकते हैं ।
एग्जिट पोल, ओपिनियन पोल पर देश की जनता विश्वास करती थी तथा इस पर देश की जनता को उम्मीदें होती है, एग्जिट पोल सिर्फ एग्जिट पोल नहीं होता अगर इसे निष्पक्ष तरीके से किया जाए तो इससे देश की जनता की बुनियादी समस्याएं पता चलती हैं, देश की जनता की राय पता चलती है जिसके आधार पर सरकारें अपनी आगामी योजनाएं तैयार कर सकतीं हैं । लेकिन प्रदीप गुप्ता जैसे लोगों ने, देश की गोदी मीडिया ने देश की जनता की उम्मीदों को तोड़ा है । राहुल गांधी ने इस 30 लाख करोड़ के घोटाले जिसे प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने एक सुनियोजित तरीके से मीडिया और एग्जिट पोल के सहारे से किया उसकी संसदीय जांच समिति के द्वारा जांच करने की मांग की है, मांग उचित है पर क्या सरकार इस पर कोई जांच समिति बैठाएगी इस पर संशय है ।
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