Loksabha Elections 2024 : Decode

लोकसभा चुनाव 2024 : एक चुनावी विश्लेषण 

pawer shift : loksabha elections 2024

2024 का लोकसभा चुनाव राजनीतिक विशेषज्ञों के लिए एक बहुत ही रोचक और नीरस चुनाव बना हुआ है , राजनीतिक विशेषज्ञ इस चुनाव में जनता का मूड भांप नहीं पा रहे । इस चुनाव में ग्राउंड स्तर पर जनता का सरकार के प्रति भारी असंतोष के साथ समर्थन भी दिख रहा है । जनता के बीच सरकार के प्रति असंतोष अधिक होने के बाद भी विपक्ष द्वारा इस मुद्दे को ना भुना पाने के कारण भी राजनीतिक विशेषज्ञ यह अनुमान लगाने में असमर्थ दिख रहे हैं कि सरकार के प्रति आम जनता में जो असंतोष और आक्रोश है क्या विपक्ष उसे अपने वोट में बदल पायी है ?
2019 का NRC तथा CAA  के विरुद्ध किया गया जनता का आंदोलन हो या फिर किसान आंदोलन या बढ़ती महंगाई और बढ़ता बेरोजगार , पेपर लीक का मुद्दा रहा हो या प्रयागराज में छात्रों पर लगाया गया UAPA का मुद्दा , कोरोना काल में कोरोना नीति को लेकर सरकार की असफलता हो या गंगा में तैरती लाशों का मुद्दा हो , नोटबंदी का मुद्दा रहा हो या भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुनकर आयी सरकार के ऊपर ही भ्रष्टाचार के नए आयाम स्थापित करने का मुद्दा रहा हो, मणिपुर, हाथरस हो या महिला सुरक्षा का मुद्दा हो,  क्या विपक्ष इन सभी मुद्दों पर सरकार को घेरने में सफल रही है ? हर स्तर पर सरकार लगातार नाकामयाब रही है इन नाकामयाबियों के बाद भी विपक्ष मजबूती के साथ लोकसभा चुनाव में नजर नहीं आ रही । ऐसा क्यों हुआ आईए जानते हैं देश के प्रसिद्ध राजनीतिक विशेषज्ञों द्वारा और साथ ही यह भी जानने की कोशिश करते है कि देश के माने जाने राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार 4 जून को किसकी सरकार बनती दिख रही है -

INDIA गठबंधन बनने में हुई देरी : प्रशांत किशोर 

power shift : prshant kishor
देश के जाने-माने राजनीतिक विशषज्ञ तथा चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के अनुसार NDA को पहले से ज्यादा सीटें हासिल होंगी, 2019 के लोकसभा चुनाव में NDA गठबंधन को 303 सीटें प्राप्त हुई थी प्रशांत किशोर की माने तो NDA गठबंधन को इस चुनाव में 303 से अधिक सीट में प्राप्त हो रही है । हालांकि भाजपा द्वारा दिए गए अबकी बार 400 पार नारे को यह खारिज करते हैं , इनका मानना है कि इंडिया गठबंधन जिन मुद्दों पर चुनाव लड़ रही है उसे वह जमीनी स्तर पर उतारने में पूरी तरीके से असमर्थ रही है तथा इंडिया गठबंधन के बनने में हुई देरी भी एक प्रमुख कारण होगा की इंडिया गठबंधन चुनावी स्तर पर भाजपा को कोई नुकसान नहीं पहुंचा पा रही है , प्रशांत किशोर इंडिया गठबंधन की संगठनात्मक कमजोरी को भी एक प्रमुख कारण मानते हैं जिसके कारण इंडिया गठबंधन चुनावी स्तर पर भाजपा को कोई नुकसान नहीं पहुंच पा रही है ।

बीजेपी 250 से भी नीचे : योगेंद्र यादव 

power shift : yogrndra yadav
देश के प्रसिद्ध राजनीतिक विशेषज्ञ योगेंद्र यादव बीजेपी को पूर्ण बहुमत से भी दूर रखते हैं उनके अनुसार बीजेपी की देश भर में कुल सीटें 250 या 250 से भी नीचे रहेंगी , योगेंद्र यादव कर्नाटक को छोड़कर बीजेपी को किसी भी राज्य में सीटों में बढ़ोतरी की बात नहीं करते, उनके अनुसार उत्तर प्रदेश में यदि 10 सीटें और  बिहार में भी 10 सीटें  तथा महाराष्ट्र में कुछ सीटें भी अगर पहले की अपेक्षा कम हुई तो भाजपा को देश भर में कुल 230 सीटें ही  मिल पाएंगी ।

चुनाव में कोई लहर नहीं : नीरजा चौधरी 

power shift : niraja chaudhary
राजनीतिक विशेषज्ञ नीरजा चौधरी कहती हैं 2024 के चुनाव में कोई लहर नहीं दिख रही, जिस स्तर पर जनता में सरकार के प्रति गुस्सा है वह भी ग्राउंड स्तर पर दिखाई नहीं दे रहा यही कारण है कि यह चुनाव पिछले 10 वर्षों के चुनाव की तरह नहीं दिख रहा जिस स्तर पर जनता में सरकार के प्रति असंतोष है उसे विपक्ष सही तरीके से मुद्दा नहीं बना पायी राजनीतिक विशेषज्ञ नीरजा चौधरी ने कहा कि यह चुनाव जटिल है और इसे समझना मुश्किल है इस चुनाव में मोदी लहर नहीं दिख रही विपक्ष के पास जो मुद्दे हैं उसे जीत हासिल करते हुए नहीं दिख रही ।

400 का आंकड़ा पार करेगी NDA : हर्षवर्धन त्रिपाठी 

power shift : harshvardhan tripathi
देश के सभी राजनीतिक विशषज्ञों से असहमति जताते हुए हर्षवर्धन त्रिपाठी  NDA को 375 से 400 सीटें लाने का दावा करते है हर्षवर्धन का मानना है कि देश में मोदी लहर में कुछ खासा गिरावट नहीं आयी है, जबकि विपक्ष को जिस मजबूती के साथ लड़ना चाहिए वह उस मजबूती के साथ चुनावी मैदान में नहीं है ।
कुछ चुनावी रणनीतिकारों तथा राजनीतिक विशेषज्ञों के कुछ अपने राजनीतिक लाभ और हानि होते है जिसके प्रभाव के कारण बहुत बार वह निष्पक्षता के साथ चुनावी विश्लेषण नहीं कर पाते वह अपने राजनीतिक लाभ को देखते हुए चुनावी विश्लेषण करते हैं, परंतु लोकसभा चुनाव 2024 का यदि निष्पक्ष विश्लेषण किया जाए तो कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े सामने आते हैं जो इस प्रकार हो सकते हैं -

बीजेपी के वोट प्रतिशत में होगी कमी :

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 39% वोट प्राप्त हुआ था, बीजेपी की लगातार गिरती हुई लोकप्रियता तथा जनता में सरकार के प्रति असंतोष को देखते हुए यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है की लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी के वोट प्रतिशत में कमी आएगी । यदि चुनाव में भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश और बिहार में राम मंदिर के निर्माण और हिंदुत्व के मुद्दे का सही प्रयोग नहीं कर पायी तो देश भर में बीजेपी की कुल सीटें 230 से भी कम हो जाएंगी ।

INDIA गठबंधन राष्ट्रीय मुद्दों को चुनावी मुद्दा नहीं बना पायी :

power shift : INDIA Alliance
देश का हर वर्ग किसान, मजबूर, छोटे व्यापारी, महिलाएं, छात्र, सभी मौजूदा सरकार की नीतियों से कहीं ना कहीं प्रभावित और त्रस्त रहा है, हर वर्ग में सरकार के प्रति संतोष तथा आक्रोश रहा है देश के सभी बड़े राष्ट्रीय मुद्दे जिससे देश का हर वर्ग प्रभावित रहा है उन सभी मुद्दों को INDIA गठबंधन चुनावी मुद्दे में नहीं बदल पायी है बेरोजगारी, महंगाई, महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों को भी विपक्ष मुखरता से जनता के बीच लाने में असफल रही है । INDIA गठबंधन की संगठनात्मक कमजोरी, तथा इसके गठन में हुई देरी , तथा गठन के बाद भी गठबंधन के सहयोगी पार्टियों के स्वहित के कारण यह गठबंधन राष्ट्रीय मुद्दों को चुनावी मुद्दा बनाने में पूर्णतः असफल रही है ।

निष्कर्ष :

4 जून के नतीजे चाहे भले ही NDA के पक्ष में हो फिर भी यह गठबंधन पिछली सरकार की तरह मजबूत नहीं होगी NDA गठबंधन को 300 से अधिक सीटें भी प्राप्त नहीं होंगी तथा भारतीय जनता पार्टी अकेले अपने बल पर 250 से अधिक सीटें नहीं ले कर आने वाली यह स्पष्ट है कि देश में बड़े बदलाव होंगे तथा देश को एक मजबूत विपक्ष मिलेगा, मीडिया के स्वरूप में भी बदलाव देखने को मिलेगा, देश के सभी राष्ट्रीय मुद्दे जनता तक पहुंचेंगे, तथा देश की जनता के नजरिया में भी बदलाव आएगा । 

"एक बड़े परिवर्तन के लिए देश अग्रसर है ................."

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