एग्जिट पोल की पोल

लोकसभा चुनाव 2024 के एग्जिट पोल का विश्लेषण 

Power shift

2024 का लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल 2024 से शुरू हुआ हिंदू- मुस्लिम, राम मंदिर, इलेक्टोरल बांड, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई से होते हुए राम मंदिर पर बाबरी ताला, हिंदुओं के आधे संपत्ति छीनकर अल्पसंख्यकों को देना, दो भैसे में से एक भैंस अल्पसंख्यकों को देना, जैसे बयानों से होते हुए मंगलसूत्र से मुजरा के रास्ते सात चरणों से होते हुए 1 जून को शाम 5:00 बजे पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा के साथ शांतिपूर्ण तरीके संपन्न हुआ । किस सीट पर कितना प्रतिशत मतदान हुआ तथा किस लोकसभा सीट पर कुल कितने मतदान हुए यहां आंकड़ा चुनाव आयोग व्यवस्थित करने के बाद जारी करेगी ।

सातवें चरण का मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद 1 जून शाम 5:00 बजे से ही देश के सभी सुप्रसिद्ध सरकारी गोदी मीडिया के द्वारा पूर्व नियोजित, सुनियोजित सरकारी एग्जिट पोल का प्रसारण शुरू किया गया और भाजपा द्वारा पहले से तय किए गए आंकड़ों को पूरी गर्मजोशी के साथ प्रसारित करना प्रारंभ किया गया, जो सरकार का जितना बड़ा सहयोगी था उसने आंकड़े को उतना बड़ा बनाया Axis my india और CNX ने NDA को 401 सीटें दी तो टुडे चाणक्या ने 415 सीटें देकर NDA का चरण वंदन किया, इसी तरह अन्य सभी सर्वे एजेंसियों अपने सामर्थ के अनुसार सीटों का बटवारा किया, सभी सर्वे एजेंसियों ने NDA को 350 से अधिक सीटें दीं तो वहीं INDIA गठबंधन को 182 से कम सीटें दीं, विभिन्न सर्वे एजेंसियों के द्वारा सीटों इस बंटवारे को आप इस चार्ट में देख सकते हैं ।


1 जून शाम 5:00 बजे से लेकर रात 11:00 बजे तक देश के सभी प्रतिष्ठित चैनलों द्वारा TRP का अद्भुत खेल खेला गया यह वह एग्जिट पोल था जो सरकारी आदेश पर देश की जनता के सामने मनोवैज्ञानिक तरीके से राज्यवार रखा गया । नोएडा, दिल्ली के ए.सी रूमों में बैठकर तैयार किया गया यह सरकारी एग्जिट पोल उन सभी निष्पक्ष पत्रकारों और राजनीतिक विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है जिन्होंने इस भीषण गर्मी में हजारों किलोमीटर की दूरी तय करके हजारों लोगों से मिलकर इस चुनाव का विश्लेषण किया । वे सभी पत्रकार तथा राजनीतिक विशेषज्ञ जिन्होंने ग्राउंडजीरो पर जाकर लोगों से मिलकर इस चुनाव को करीब से समझा तथा उसका विश्लेषण किया वे सभी पत्रकार तथा राजनीतिक विशेषज्ञ किसी भी दशा में बीजेपी को 250 सीट से अधिक नहीं देते परन्तु एग्जिट पोल एक अलग ही कहानी बयां कर रही है ।

कुछ एक सर्वे एजेंसियों को छोड़कर कोई भी सर्वे एजेंसी यह सार्वजनिक नहीं करती कि उसने जो एग्जिट पोल तैयार किया है उसका आधार क्या है, वह किन लोगों से मिले, कितने लोगों से मिले, क्या प्रश्न किए, प्रश्न का आधार क्या था, कितने राज्यों में गए, कितने लोकसभा क्षेत्रों को कवर किया, किस वर्ग के लोगों से मिले, किस जाति के लोगों से मिले, किस आयु वर्ग के लोगों से मिले, और कुल कितने लोगों से मिले । यह सभी बातें एक सर्वे को प्रभावित करते हैं परंतु कोई सर्वे एजेंसी इन सभी बातों को सार्वजनिक नहीं करते इससे यह स्पष्ट होता है कि उनके एग्जिट पोल किस तरह तैयार किए गए होंगे ।

 सी-वोटर के द्वारा दिए गए राज्यवार एग्जिट पोल यहां दिया जा रहा है ताकि 4 जून को जब जनादेश आए तो आप उसे इस राज्यवार एग्जिट पोल से मिलान करके यह जान सके कि यह एग्जिट पोल किस तरह तैयार किया गया होगा ।

1 जून को सुनियोजित तरीके से प्रसारित किया गया यह एग्जिट पोल सिर्फ TRP का खेल नहीं था यह उससे कहीं अधिक था यह देश की जनता के साथ खेला गया एक मनोवैज्ञानिक खेल था ताकि 4 जून को जब NDA की 400 सीटों के आसपास आए तो देश की जनता बिना किसी प्रश्न के इस आंकड़े को स्वीकार कर ले । देश में निष्पक्ष पत्रकारिता करने वाले पत्रकार तथा ग्राउंडजीरो से आयी राजनीतिक विशेषज्ञों के आंकड़े जो NDA को 300 से कम सीटें आने की बात कह रहे थे, यदि ऐसा नहीं होता तो इस चुनाव का विश्लेषण करने के लिए राजनीतिक विशेषज्ञों से ज्यादा साइबर विशेषज्ञों की आवश्यकता पड़ेगी ।

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