बेरोजगारी, देश की ऐसी समस्या जो शायद केंद्र और राज्य की सरकारों के लिए समस्या है ही नहीं, विपक्ष के लिए यह मात्र एक राजनीतिक मुद्दा है, तथा देश की वह युवा जिसको इस समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित होना चाहिए उसे यह महसूस नहीं होती । सरकार की भ्रष्ट, खोखले और लुभावनी नीतियों के द्वारा जिस युवा के भविष्य को आज गर्त में डाला जा रहा है वह युवा आज खुद हिंदू - मुस्लिम, मंदिर -मस्जिद, और फेसबुक - व्हाट्सएप में अपने भविष्य को झोंक रहा है । शायद सरकारें भी यह नहीं चाहती कि आज का युवा इन चीजों से बाहर निकल कर देश के वास्तविक समस्याओं और खुद अपनी समस्याओं को समझे और सरकार से कोई सवाल करें । इस आर्टिकल का उद्देश्य हैं कि देश का युवा देश और अपने प्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति और बेरोजगारी की समस्या को समझे जो शायद उसे अब तक समस्या लगी ही नहीं ।
बेरोज़गारी की परिभाषा :-
एक युवा जब अपने घर परिवार से दूर सात - आठ साल किसी बड़े शहर में रहकर किसी बड़े सपने के साथ किसी सरकारी नौकरी की तैयारी करता है और जब वह निराश होकर अपने घर आता है और जब उसके घर, परिवार, गांव, मोहल्ले वाले सवाल करते हैं की क्या हुआ ? नौकरी का ! तब वह बेरोजगारी की परिभाषा को महसूस करता है । इसकी परिभाषा, प्रकार आदि को लिखकर अपने देश के युवाओं की भावनाओं को हम आहत नहीं कर सकते आज बेरोजगारी की परिभाषा देश का वह प्रत्येक युवा महसूस कर रहा है जो इतना पढ़ने - लिखने के बाद अपने किसी छोटे से खर्चे के लिए भी आज वह अपने परिवार पर निर्भर है । इस आर्टिकल का उद्देश्य तो सिर्फ इतना है कि हमारे देश के युवा अपने प्रदेश तथा देश में बेरोजगारी की स्थिति को जान सके और जागरूक हो सके तथा वह यह जान सके की सरकारें आज उनके साथ क्या कर रही है ।
उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति :-
उत्तर प्रदेश सरकार तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की माने तो राज्य में बेरोजगारी दर 19% से घटकर सिर्फ 2% रह गई है । सरकार ने दावा किया है कि 2017 में बेरोजगारी दर 18% थी जो कि 2022 में घटकर 2% हो गई है । फरवरी 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव के वक्त भी योगी जी ने बेरोजगारी कम होने का दावा किया था यूपी में बेरोजगारी दर 17.6% थी वहीं 2017 में उनकी सरकार आने के बाद बेरोजगारी दर सबसे निचले स्तर पर आ गई है ।
" परंतु सीएमआईई अर्थात सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी के आंकड़े सरकार के दावों से बिल्कुल अलग है ।"
UP में बेरोजगारी दर 19 से घट रह गई सिर्फ 2 प्रतिशत ?
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार का दूसरा कार्यकाल है फरवरी 2023 में दूसरे कार्यकाल के 1 वर्ष पूरे हो जाएंगे अपने दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर योगी आदित्यनाथ जी ने दावा किया कि वर्ष 2016-17 में यूपी में बेरोजगारी दर 18% थी जो अब घटकर 2% हो गई है परंतु सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी के आंकड़े बताते हैं कि जून 2016 में बेरोजगारी दर 18% थी जबकि मार्च 2017 में जब योगी सीएम बने उससे पहले बेरोजगारी दर घटकर 2.4% हो गई थी । उत्तर प्रदेश सरकार का दूसरा दावा यह है कि 2022 में बेरोजगारी दर घटकर 2% हो गई है जबकि सीएमआईई के आंकड़ों की माने तो जून 2022 में बेरोजगारी दर 2.8% रही है बेरोजगारी दर मार्च 2017 में 2.4% और जून 2022 में 2.8% रही यानी बेरोजगारी दर असलियत में कम नहीं बल्कि 0.4% बढ़ी है । आसान शब्दों में समझा जाए तो सरकार का यह दावा की 2016 में बेरोजगारी दर 17.6% थी यह सही है परंतु मार्च 2017 में जब योगी आदित्यनाथ सीएम बने उससे पहले फरवरी 2017 में ही बेरोजगारी दर 3% पर पहुंच गई थी जबकि सरकार द्वारा इन आंकड़ों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया ।
" मार्च 2017 में 2.4% से जून 2022 में बढ़कर 2.8% हुई प्रदेश की बेरोजगारी दर "
योगी आए और यूपी में घटने लगी बेरोजगारी दर ?
उत्तर प्रदेश सरकार अपने दावों में लगातार बताती रही है कि राज्य में जब से भाजपा की सरकार बनी है तब से प्रदेश में बेरोजगारी की दर साल दर साल कम होती रही है , देश में बेरोजगारी की रैंकिंग में टॉप 3 वाले उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति बहुत ही भयावह है गैर सरकारी संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी के रिपोर्ट के अनुसार यूपी में ऐसे लोगों की तादात बढ़ती जा रही है जो कि काम करने के इच्छुक हैं लेकिन नौकरी खोजना बंद कर चुके हैं ऐसे लोग 29.72 लाख है यह यूपी के कुल बेरोजगार यानी 28.41 लाख से भी ज्यादा है ।
सीएमआईई के सर्वे के अनुसार यूपी में 28.41 लाख लोग अधिकारिक तौर पर बेरोजगार हैं इसमें 19.34 लाख युवा 20 से 24 साल के हैं, दिसंबर 2017 में अधिकारिक बेरोजगारों की संख्या 23.96 लाख थी जिसमें 13.79 लाख बेरोजगार 20 से 24 साल के थे । यूपी में नौकरी की तलाश में थक चुके युवाओं की संख्या दिसंबर 2017 में 9.93 लाख थी जो कि 4 साल में बढ़कर 29.72 लाख तक पहुंच चुकी है । अर्थात -
" प्रदेश के 29.72 लाख बेरोजगार युवा नौकरी की तलाश में भागते भागते इतना थक गए हैं कि अब उन्होंने रोजगार ढूंढना ही बंद कर दिया है ।"
देश में ग्रेजुएट बेरोजगार सबसे ज्यादा राजस्थान में है फिर इसके बाद दूसरा नंबर उत्तर प्रदेश का आता है सीएमआईई की डेटा के अनुसार उत्तर प्रदेश में ग्रेजुएशन तक पढ़ाई कर चुके 13.89 लाख युवा नौकरी की तलाश कर रहे हैं बेरोजगारों की कुल संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार के बाद तीसरे स्थान पर हैं । गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की आबादी बिहार से दोगुनी और राजस्थान से 3 गुना ज्यादा है ।
प्रदेश सरकार ने बेरोजगारी दर कम करने के लिए उठाए ठोस कदम ?
प्रदेश की सरकार ने प्रदेश की युवाओं को 5 साल में 5 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया । वह 5 साल गुजर गया, दूसरे कार्यकाल की शुरुआत हुई और सरकार ने 100 दिन में दस हजार सरकारी नौकरी देने का वादा किया दूसरे कार्यकाल के भी 1 वर्ष फरवरी में पूरे होने को है और वादे अपनी जगह स्थिर और कायम है । प्रदेश की सरकार ने अपने प्रदेश की युवाओं की योग्यता की जांच के लिए PET को पिछले साल से प्रदेश में लागू कर दिया इस परीक्षा का आयोजन उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा कराया जाता है, इस परीक्षा को पास करने वाले छात्र सरकार की समूह ग की भर्ती परीक्षा जैसे राजस्व लेखपाल, चकबंदी लेखपाल, ग्राम विकास अधिकारी, पंचायत सचिव जैसे पदों के लिए योग्य उम्मीदवार माने जाते हैं अर्थात अगर आप PET पास है तभी आपको दूसरे भर्ती परीक्षा में बैठने के काबिल समझा जाएंगे । इस अनावश्यक परीक्षा को देने के लिए प्रदेश के लगभग 37 लाख युवा किस तरह अक्टूबर के महीने में ट्रेनों में बस स्टेशनों पर धक्के खाए हैं इसे पूरे देश ने देखा है और शायद सराहा भी है ।
2021 के PET के आधार पर हुई लेखपाल और ANM की परीक्षा के परिणाम अभी तक अटके हुए हैं और 2022 की PET की परीक्षा भी हो गई अब इसके आधार पर होने वाली परीक्षाएं कब होंगी इसे तो सरकार ही बता सकती हैं । या शायद छात्रों को साल दर साल अपनी योग्यता ही साबित करते रहना होगा । इसी तरह सरकार हर वर्ष TET की परीक्षा तो कराती है पर इसके आधार पर होने वाले SUPER TET की परीक्षा को हुए 3 वर्ष हो चुके हैं । छात्र SUPER TET के इंतजार में TET की परीक्षा दिए जा रहे हैं । सिर्फ यही नहीं इसी तरह प्रदेश का युवा पुलिस भर्ती परीक्षा , लेखपाल भर्ती परीक्षा, सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा, जैसे तमाम भर्ती परीक्षाओं का इंतजार करते-करते अब तो उम्मीद भी छोड़ने लगा है ।
सहायक शिक्षक भर्ती मामला, दरोगा भर्ती मामला 2021, 12460 शिक्षक भर्ती मामला, पीसीएस 2021 का मामला और इस जैसे तमाम भर्ती मामले जो कोर्ट में लंबित है हमारे प्रदेश के चयनित बेरोजगारों के दर्द, उम्मीद और इंतजार की कहानी रोज बयां करती हैं की सरकार ना सही कोर्ट ही उनकी जिंदगी बदल सकें ।
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