प्रियंका गांघी देश की सक्रिय राजनीति में
इंदिरा गांधी की पोती सोनिया - राजीव की बेटी प्रियंका गांधी अब देश की राजनीति में सक्रिय रूप से उतर गई है उन्होंने अपने सक्रिय राजनीति की शुरुआत पूर्वी उत्तर प्रदेश से किया है उन्होंने लखनऊ में किए गए रोड शो से अपने राजनीतिक हस्तक्षेप का आगाज किया है । प्रियंका गांधी के देश की राजनीति में सक्रिय पहल के बाद देश की राजनीति का रुख बदल गया है, अब हमारे देश की राजनीति त्रिकोणीय राजनीति बन गयी हैं एक तरफ कांग्रेस अकेले दूसरी तरफ भाजपा और तीसरी तरफ महागठबंधन है आंकड़े दिलचस्प है । और इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बहुत ही खूबसूरत राजनीतिक पारी खेली हैं अब देखना यह है कि इस राजनीति खेल में कांग्रेस को कितना फायदा होता है जहां कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश के पूरब का जिम्मा सौंपा है वहीं उन्हें पार्टी का महासचिव बनाकर देश की राजनीति में भी सक्रिय कर दिया है आज कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में एक नया जोश नई उमंग है ।
अनुमान
कांग्रेस के इस दाव से पूरे देश में कांग्रेस की सीटों में बढ़त होने के अनुमान है । महागठबंधन में भी कांग्रेस की सक्रिय भूमिका है । कांग्रेस को इस लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के साथ होने की वजह से भी राजनीतिक लाभ होने का अनुमान है वहीं प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने के बाद कांग्रेस की खुद की साख भी मजबूत होगी इस तरह लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को दोनों तरफ से राजनीतिक लाभ होते नजर आ रहे हैं । कहा जाता है कि भारत की राजनीति मैं दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होकर के जाता है । प्रियंका गांधी के उत्तर प्रदेश से राजनीति में सक्रिय होने के कारण उत्तर प्रदेश की कांग्रेस की सीटों में भी बढ़त हो सकती है लेकिन यह सिर्फ एक अनुमान है कांग्रेस के सामने अभी भी बहुत सी चुनौतियां हैं उन चुनौतियों पर गौर करना भी आवश्यक है ।
आँकड़े
प्रियंका गांधी के लखनऊ में हुए रोड शो में उमड़ी भीड़ को देखकर ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस चुनाव जीत चुकी है पर ऐसा नहीं है राजनीति में भीड़ बहुत ज्यादा मायने नहीं रखता है भीड़ को वोट में बदलना यह अलग बात है । उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति पिछले 30 वर्षों से बहुत बुरी रही है आखरी बार कांग्रेस का उत्तर प्रदेश में सरकार 1989 में बनी थी इसके मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी रहे थे । उसके बाद से लगातार कांग्रेस की स्थिति उत्तर प्रदेश में खराब होती चली गई पिछले बीते चुनावों की अगर हम बात करें तो 2014 में कांग्रेस को 80 सीटों में से सिर्फ 2 सीटें ही मिली थी । और वह 2 सीटें भी सिर्फ राहुल गांधी और सोनिया गांधी की थी । 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में सिर्फ 7.5 प्रतिशत वोट मिले थे । इसी तरह 2017 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस की बहुत बुरी हार हुई 2017 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने समाजवादी के साथ मिलकर लड़ा था जिसमें इसे कुल 7 सीटें ही मिली थी तथा वोट प्रतिशत घटकर 6.2% रह गया था ।
उत्तर प्रदेश का राजनीतिक नक्शा कुछ इस प्रकार से है उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं जिसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 38 सीटें तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश में 42 सीटें है 38 सीटों की अगुवाई कांग्रेस से ज्योतिरादित्य सिंधिया कर रहे हैं तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश का जिम्मा प्रियंका गांधी ने अपने कन्धे पर लिया है । उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की नजर यहां के मुस्लिम वोटरों पर होगी जो कि पहले से ही समाजवादी और बीएसपी के गठबंधन की तरफ झुकती नजर आ रही है अब देखना यह है कि प्रियंका गांधी इस मुस्लिम वोटरों को किस तरह कांग्रेस में मिला सकती हैं । 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 12%, बीजेपी को 40%, बीएसपी को 21%, एसपी को 19% तथा अन्य को 8% वोट मिले थे । अगर हम विधान सभा चुनाव 2017 की बात करें तो पूर्वी उत्तर प्रदेश में विधानसभा की कुल 292 सीटें हैं जिसमें बीजेपी को 144, समाजवादी को 22, बहुजन समाजवादी को 14, तथा कांग्रेस को सिर्फ 1 सीट मिला था ।
उम्मीद
प्रियंका गांधी को देश के अंदर तथा कांग्रेस में इंदिरा गांधी के तौर पर देखा जा रहा है इंदिरा गांधी जब देश की राजनीति में आई थी तो उन्हें विरासत में मोतीलाल नेहरू और जवाहरलाल नेहरू के द्वारा तैयार किया गया राजनीतिक मंच मिला था लेकिन प्रियंका गांधी के सामने तमाम राजनीतिक चुनौतियां मौजूद है इन सभी राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद कुछ चुनौतियां उनके परिवार से भी हैं जिस में सबसे बड़ी चुनौती उनके पति रॉवर्ट वाड्रा हैं जो इस समय ई डी के पूछताछ के दौर से गुजर रहे हैं वैसे तो प्रियंका गांधी अपने पत्नी होने के कर्तव्य का पूर्ण निर्वहन कर रही है । और वह ईडी कार्यालय तक अपने पति रॉबर्ट वाड्रा को छोड़ने जाती हैं । अपनी इस रवैया से वह देश को यह बताना चाहती हैं कि वह इस परिस्थिति में भी अपने पति और परिवार के साथ हैं । उधर रॉबर्ट वाड्रा ने भी अपने पति धर्म का पालन करते हुए अपनी फेसबुक पोस्ट में प्रियंका गांधी के राजनीतिक सक्रियता को लेकर के बधाई दी और बताया कि इस समय देश में द्वेष और वैमनस्य का माहौल है उन्होंने देश के लोगों से प्रियंका गांधी का साथ देने व रक्षा करने की अपील की है ।
वैसे तो प्रियंका गांधी का मुकाबला उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी और देश के प्रधानमंत्री मोदी जैसे कद्दावर नेताओं के साथ हैं इसके साथ ही उन पर वंशवाद उनके पति और उन पर भ्रष्टाचार जैसे आरोप भी लगे हैं इसके बावजूद भी प्रियंका गांधी एक सरल और सहज महिला है उन्हें राजनीतिक समझ भी है वह लोगों के दिलों में घर बनाना जानती हैं वह मिलनसार है पर देखना यह है कि कांग्रेस की बिखरती हुई साख को इनका यह चरित्र बचा पाता है या नहीं ।
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