Pulwama terror attack

Pulwama terror attack
Pulwama terror attack

पुलवामा में हुए आतंकी हमलें में हमारे 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए 


कल जब हमारे देश के युवा सड़कों पर वैलेंटाइन डे मना रहे थे हाथ में गुलाब का फूल लेकर उसी समय पुलवामा में हुए आतंकी हमलें में हमारे 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए देश सन्न रह गया, तथा देश में एक बार फिर आक्रोश का माहौल बनने लगा हर किसी की जुबान पर निंदा की जगह आक्रोश  ने ले लिया ।  एक बार फिर देशभक्ति की लहर सभी के दिलों में दौड़ गई । शुक्र है कि इस बार हमारे देश के तथाकथित बुद्धिजीवी तथा व अवसरवादी नेता जो अक्सर ऐसे माहौल का राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं वह इस बात नहीं कर रहे हैं इस आतंकी हमले के जवाब में हमारी सरकार के द्वारा जो कदम उठाए गए तथा प्रधानमंत्री मोदी जी ने जो आश्वासन देश को दिया है इसके लिए हमें सरकार और प्रधानमंत्री जी को तहे दिल से आभार व्यक्त करना चाहिए । तथा विपक्ष ने भी इस तरह से इस माहौल में सरकार का साथ दे रही है इससे यह तो पता चल जाता है कि हम अंदर चाहे कितना भी लड़े लेकिन अगर कोई आतंकी हमारे देश की तरफ बुरी नजर रखता है तो हम एक हैं और उनके किसी भी मंसूबे को हम कामयाब नहीं होने देंगे ।
हमें देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, अखिलेश यादव तथा ममता बनर्जी  सहित देश के तमाम पक्ष और विपक्ष के नेताओं का भी आभार व्यक्त करना चाहिए जिन्होंने इस घड़ी में सरकार और हमारे देश की सेना का साथ दे रही है तथा उनका मनोबल बनाए रखने में उनका सहयोग कर रही है । देश का एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमारा भी यह कर्तव्य बनता है की इस विषम परिस्थिति में हम सरकार और सेना के साथ खड़े रहे । और किसी भी तरह के राजनीतिक टीका टिप्पणी ना करें ।
surgical strike
surgical strike 2016
हमारा पड़ोसी मुल्क 2016 में हुए सर्जिकल स्ट्राइक को बहुत जल्दी भूल गया तथा जैश - ए - मोहम्मद जिसने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है वह भी उस सर्जिकल स्ट्राइक को भूल गया है, अब ऐसा लगता है कि सिर्फ सर्जिकल स्ट्राइक से काम नहीं चलने वाला है आतंकवाद की पूरी सफाई के लिए सरकार को कोई ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, चाहे वह कूटनीतिक हो या सामरिक ।  40 जवानों की 1 दिन में  शहादत, यह कोई आतंकी हमला नहीं यह युद्ध है, और युद्ध का जवाब हमें युद्ध की तरह से ही देना चाहिए । देश की जनता सरकार से कम से कम इतना उम्मीद तो रखती है, हमें भी सरकार से यह उम्मीद है कि सरकार देश की जनता की उम्मीदों को नहीं तोड़ेगी । तथा सीसीएस की बैठक में ऐसे फैसले लिए जाएंगे जिसकी देश की जनता को उम्मीद है ।
 प्रधानमंत्री मोदी जी ने इस आतंकी हमले पर अपना आक्रोश व्यक्त किया तथा देश को आश्वासन दिया है कि  जल्द से जल्द इस पर कोई न कोई कड़ी कार्रवाई शुरू की जाएगी, उन्होंने इसकी शुरुआत सेना को पूरी छूट देकर की है ।  उधर राजनाथ सिंह जी ने भी इस पर अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए उन्होंने अपना पटना का प्रोग्राम कैंसिल कर आज पुलवामा के दौरे पर जा रहे हैं, जेटली जी ने भी कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देश को दिया है, मनमोहन जी ने भी इस लड़ाई में सरकार के साथ खड़े रहने की बात की है, कल प्रियंका गांधी ने भी अपना प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर इस विषम परिस्थिति में देश के साथ खड़ी नजर आई,  तथा लखनऊ में उन्होंने इस परिस्थिति में देश की जनता से सेना तथा सरकार के साथ खड़े रहने की अपील की उधर राहुल गांधी ने भी इस आतंकी हमले की निंदा की तथा सरकार और सेना के साथ खड़े रहने की बात की ।  आज पूरा देश  तथा विपक्ष सरकार और सेना के साथ खड़ी है तथा सरकार से यह उम्मीद करती है कि अब वह आतंकवाद के इस अध्याय का पूरी तरह से अंत करें ।
कल के इस आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद आतंकी संगठन ने ली है जिस का सरगना मसूद है यह वही मसूद है जिसे छुड़ाने के लिए 1999 में इस संगठन ने हमारे भारतीय एयरलाइंस के एक एअरबस को हाईजैक कर लिया था जिसमें हमारे 100 से ज्यादा भारतीय बंधक थे हमारे देश की जनता उस वक्त सरकार के साथ खड़े नहीं रह सकी और जगह जगह अपने उन भारतीय बंधकों को छुड़ाने के लिए आंदोलन करने लगे सरकार को मजबूर होकर उस मसूद को छोड़ना पड़ा अगर भारत की जनता उस वक्त सरकार के साथ होती तो शायद भारत को आज यह दिन नहीं देखना पड़ता हमें एक मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए हमें खुद मजबूत होना पड़ेगा । जैश ए मोहम्मद का या भारत पर पहला आतंकी हमला नहीं है इसके पहले भी वह तमाम आतंकी हमले कर चुका है । उरी में हुआ आतंकी हमला, पठानकोट में हुए आतंकी हमला, इस सब का जिम्मेदार भी यही संगठन रहा है । इसके अलावा हमारे भारतीय सैनिकों से घाटी में लगातार इस की मुठभेड़ होती रहती है । तथा हमारे देश के जवानों ने इस आतंकी संगठन के आतंकियों को अक्सर मारते रहे हैं ,   पर अब देश की जनता सर्जिकल स्ट्राइक और मुठभेड़ नहीं चाहती अब वह आतंकवाद की पूरी सफाई चाहती है और इसके लिए वह हर तरीके से देश के साथ सरकार के साथ तथा सेना के साथ खड़ी है ।
 कल वैलेंनटाइन डे था  और जो जवान कल के आतंकी हमले में शहीद हुए हैं उन्होंने भी इस दिन के सपने तो कभी ना कभी देखे ही होंगे पर उन्होंने देश की सेवा के लिए अपने हाथों में इस मातरे वतन के रक्षा के लिए बंदूक उठाना पसंद किया । और हमारी खुशियों के लिए हमारे जवान कल एक ऐसे युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए जिसमें उन्हें  शस्त्र  उठाने का मौका तक नहीं मिला हमारे पड़ोसी मुल्क के इस कायराना हरकत पर विश्व के तमाम देश उसकी निंदा कर रहे हैं पूरे विश्व से वह अलग अथल हो  जाने के बाद भी वह अपनी इन कायराना हरकतों से बाज नहीं आता । 
आज हमें ईश्वर से कामना करना चाहिए कि जो जवान इस आतंकी हमले में शहीद हुए हैं उनके परिवार वालों को इस मुश्किल घड़ी से जूझने की शक्ति प्रदान करें हम अपने उन वीर जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं तथा उन्हें कोटि-कोटि नमन करते हैं ।

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